जैसे नदिया बहे नीर
जैसे नदिया बहे नीर, तुम बहते जाना रे
राम रस लेते जाना रे,
जैसे नदिया बहे नीर तुम बहते जाना रे
जब तक रहना, प्रेम से रहना, नाम कमाना रे
राम का नाम कमाना रे
जैसे खुशबू बसी फूल बिच, ऐसे बस जाना रे
जब तक जीवन रहे जगत में, प्रेम बढ़ाना रे
तुम नाम कमाना रे, राम का नाम कमाना रे
जैसे नदिया बहे नीर, तुम बहते जाना रे
तुम बहते जाना रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी