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20 Dec 2020 · 1 min read

जीवन है क्षण भंगुर

जो आया है उसे जाना है
कुछ वर्षो तक जिन है
जीवन है क्षण भंगुर

मुट्ठी बांध के आता है
सबकुछ छोड़ जाता है
जीवन है क्षण भंगुर

अच्छे बुरे कर्म करता है
यही उसे भुगतना है
जीवन है क्षण भंगुर

द्वेष क्लेश सब छोड़ दे
प्यार से रहना सीख ले
जीवन है क्षण भंगुर

क्या लाया क्या ले जाएगा
सब छोड़ छाड के जाना है
जीवन है क्षण भंगुर

– बाळकृष्ण काळे

Language: Hindi
1 Comment · 239 Views
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