Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2023 · 1 min read

एक पराई नार को 💃🏻

एक पराई नार को 💃🏻
ललचाए जो जीव
कहां गए संस्कार सब 🙏🏻
हाय कलयुग का जीव ..😞
Yash mehra

2 Likes · 411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
निभाना नही आया
निभाना नही आया
Anil chobisa
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
*नशा सरकार का मेरे, तुम्हें आए तो बतलाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*माँ सरस्वती जी*
*माँ सरस्वती जी*
Rituraj shivem verma
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी
मुझे मालूम है, मेरे मरने पे वो भी "अश्क " बहाए होगे..?
Sandeep Mishra
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-204💐
💐प्रेम कौतुक-204💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम निवेश है-2❤️
प्रेम निवेश है-2❤️
Rohit yadav
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
लडकियाँ
लडकियाँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
अजन्मी बेटी का प्रश्न!
Anamika Singh
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
मेरे पृष्ठों को खोलोगे _यही संदेश पाओगे ।
Rajesh vyas
2560.पूर्णिका
2560.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
जो चाहो यदि वह मिले,
जो चाहो यदि वह मिले,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
टाँगतोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
टाँगतोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
चली गई ‌अब ऋतु बसंती, लगी ग़ीष्म अब तपने
चली गई ‌अब ऋतु बसंती, लगी ग़ीष्म अब तपने
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रूप कुदरत का
रूप कुदरत का
surenderpal vaidya
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
पुरुष का दर्द
पुरुष का दर्द
पूर्वार्थ
"इश्क़ वर्दी से"
Lohit Tamta
"दलित"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस
Neeraj Agarwal
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...