Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2020 · 1 min read

जीवन सागर मंथन है

जीवन सागर मंथन है, विष अमृत का मिश्रण है
आंख खोल कर देखो जीवन
अनुभव से कर लो जीवन मंथन
विष निकलेगा सबसे पहले
धैर्य से उसे पचाना
मंथन करना वंद न करना
अमृत तक मथते जाना
जीवन को माया मोह मद आदि से मथो
निज अनुभव से आंख खोलकर पढ़ो
जीवन को ध्यान धारणा समाधि से गढ़ो
निज अनुभव को सूक्ष्मता से पढ़ो
रत्न मिलते जाएंगे
जीवन में बहुत काम आएंगे
जीवन सागर मंथन है,विष अमृत का मिश्रण है

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
10 Likes · 2 Comments · 242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
"आज का विचार"
Radhakishan R. Mundhra
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*घर*
*घर*
Dushyant Kumar
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त ए रूखसती पर उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
मेरी पलकों पे ख़्वाब रहने दो
Dr fauzia Naseem shad
"दयानत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
"हँसी"
Dr. Kishan tandon kranti
फर्क तो पड़ता है
फर्क तो पड़ता है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
#क़तआ (मुक्तक)
#क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
मातृभाषा
मातृभाषा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
शब्द से शब्द टकराए तो बन जाए कोई बात ,
ज्योति
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
क्या रावण अभी भी जिन्दा है
Paras Nath Jha
वो कड़वी हक़ीक़त
वो कड़वी हक़ीक़त
पूर्वार्थ
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
मां गोदी का आसन स्वर्ग सिंहासन💺
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
बोले सब सर्दी पड़ी (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता हैं ,
Vishal babu (vishu)
2666.*पूर्णिका*
2666.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दीप आशा के जलें
दीप आशा के जलें
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
लक्ष्य
लक्ष्य
लक्ष्मी सिंह
मेरा जीवन बसर नहीं होता।
मेरा जीवन बसर नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
बितियाँ बात सुण लेना
बितियाँ बात सुण लेना
Anil chobisa
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Tumhari khubsurat akho ne ham par kya asar kiya,
Sakshi Tripathi
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Jatashankar Prajapati
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
गंगा ....
गंगा ....
sushil sarna
Loading...