जीवन सफल हो जाए
जीवन सफल हो जाए…..
============
एक चांद की तलाश में
जाता था रोज छत पर,
शुक्र है खुदा का आज
दीदार ए चांद हो गया
दीदार करने चमन में
रोज आते थे चांद तारे,
फूलों के चमन में भी
होता था जिक्र तेरा।
इस मौसम ए बहार में
तुम जल्दी से आ जाना,
इस दिल को हरदम
तेरी यादों ने घेर रखा है।
तेरी याद में ये दिल अब
बेकरार सा रहता है,
थाम लो हाथ मेरा
सुकून दिल को आ जाए।
सांसों में अब तो मेरी
तेरे प्यार की महक है,
दिल में बसी गई है
तस्वीर ए यार तेरी।
आंखों में अब तो मेरी
तेरे ख्वाब तैरते हैं,
दिल में उतर गई तुम
हसीन ख्वाब बन कर।
मेरे दिल में अब तो तेरी
धड़कने ही बस गई हैं,
धड़कता है दिल जो मेरा
तेरी चाह निकलती है।
निगाहों में मेरी अब
तेरे प्यार की चमक है
दिल भी मेरा अब तो
धड़कता है तेरे नाम से
दूर दूर से अब
कब तक निहारें तुमको
आ जाओ जीवन में तो
जीवन सफल हो जाए
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
स्वरचित और मौलिक