जीवन रंग
ये जीवन रंग बहुत रंग दिखाता हैं
कभी हँसाता तो कभी रूलाता हैं
प्यार रंग तो बहुत ही जज्बाती है
जज्बातों का दरिया सा बहाता है
संयोग रंग बहुत आनंदविभोर है
अनुराग अनुभूति भाव बढाता है
वियोग रंग बेभाव पीड़ादायक है
तन मन अंग प्रत्यंग तड़फाता है
बंधुत्व रंग भाईचारे का प्रतीक है
अनन्यता एकतान रस बढाता हैं
ईर्ष्या वैर का रंग बहुत बदरंग है
मनमुटाव अलगाव को बढाता है
बगैर रंग जीवन होता भावहीन है
रंगों से ये जीवन रमणीक होता है
रंगों से ही जीवन में हर्षोल्लास है
खुशियों की बहार फुहार लाता है
ये जीवन रंग बहुत रंग दिखाता है
कभी हँसाता तो कभी रूलाता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत