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23 Jan 2024 · 1 min read

जीवन यात्रा

एक साल की जीवन यात्रा
और हो गई पूरी
कुछ इच्छाएँ पूर्ण हुई
ज्यादातर रही अधूरी
फिर भी दूँ आभार तुम्हें
लगता यह बहुत ज़रूरी
ओ मेरे जीवन के दुःख-सुख,
मिलन-विरह मजबूरी
जो पाया, जो खोया अबतक
सभी तुम्हारे ही कारण
हर कठिनाई तुमसे ही, फिर
तुम ही रहे निवारण
मेरा यह वजूद तुमने ही
सिरजा इसे बनाया
धन्यवाद तुमको, तुमने
मुझको ये संसार दिखाया !

© अभिषेक पाण्डेय अभि

17 Likes · 1 Comment · 113 Views
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