$जीवन जीना सीखो
$जीवन जीना सीखो
किसी दिशा में जाकर देखो, पहरा पाओगे यम का।
करो सामना डटकर हँसकर, आने वाले हर ग़म का।।
दोष किसी को देना भूलो, निज सुख-दुख के कारण तुम।
सत्य जगत् का अटल यही है, इसको करलो धारण तुम।।
भाग्य कर्म से पोषित होता, यत्न करो वैसा फल हो।
बादल बरसें तभी धरा पर, चार दिशाओं में जल हो।।
रोटी खाकर भूख मिटेगी, प्यास मिटेगी जल पी कर।
आनंद घना है जीवन में, कर्मसहित देखो जी कर।।
हार जीत का ज्ञान तभी हो, उतरें जब मैदानों में।
हर मंज़िल आसान दिखेगी, ओज भरो अरमानों में।।
रोकर उलझन और बढ़ेंगी, होगा हँसकर हल हासिल।
अभ्यास लिए जादू ऐसा, छू ले हरजन का ये दिल।।
समझ लिया मुश्क़िल वह मुश्क़िल, वरना सब आसान लगे।
मनुज सिंह को काबू करले, मनुज सिंह को देख भगे।।
सोच नयी हो चाल नयी हो, नया तभी कर पाओगे।
नया किया कुछ जग में तुमने, महापुरुष कहलाओगे।।
#आर.एस. ‘प्रीतम’
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