जीवन की दास्तां सुनाऊं मिठास के नाम में
प्यार की बातें जो लफ्ज़ों में भर दूं,
वो रोशनी और ख़ुशियों से तर कर दूं!!
चराग़ बन जाऊँ तेरी ज़िंदगी के रास्ते में,
हर गम को भगाकर बहुत दूर कर दूं!!
बुझ जाए चराग़ तो उजाले की धूप में,
खो जाए प्रेम का अर्थ संगीत की सूप में!!
पर यदि जलाया रहूँ चराग़ अपने काम में,
जीवन की दास्तां सुनाऊं मिठास के नाम में!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”