जीवनदायिनी बैनगंगा
सिवनी जिले का ग्राम मुंँडारा मांँ बैनगंगा का उद्गम-स्थल
छोटे कुंड से पतली धार में प्रारंभ होकर बहती कल कल गोपालगंज होती पहुंँची लखनवाड़ा जो हमारा जन्म-स्थल
आगे बढ़ी मांँ बैनगंगा जनों से मिलने मुड़ती जाती पल-पल
गांँव गांँव पावन घाट बने स्नान पूजन के तीर्थ-स्थल
पर्व विशेष और त्यौहारों पर घाटों में रहती हलचल
प्यास बुझाने हर प्राणी की मैया रहती तत्पर हर पल
खेतों में फसलों की वृद्धि हो जाती पाकर निर्मल जल
छपारा से आगे पहुंची मांँ बैनगंगा ग्राम भीमगढ़
एशिया का है सबसे बड़ा मिट्टी का बांँध भीमगढ़
पर्यटक निहारते विहंगम दृश्य विशाल बांँध में चढ़
जल विद्युत संयंत्र भी स्थापित जहां कभी था बीहड़
नहरें बिछ गई हैं खेतों में फैली चारों ओर हरियाली
कृषक प्रसन्न पैदावार बढ़ी अब कोई खेत नहीं खाली
भरपूर अन्न उत्पादन होता अब कोई नहीं रिक्त थाली
यों किसान प्रसन्न होता अब बाल बच्चे संग घरवाली
आसपास के जल स्रोतों व नलकूपों में पानी भरपूर
अतिवृष्टि से मां बैनगंगा में भयानक आ जाती है पूर
जल ही जल नजर आता है बारिश में सब दूर
मत्स्य उद्योग प्रसिद्ध यहांँ ओम् मछली हैं भरपूर
ओम प्रकाश भारती ओम्