” जीत “
” जीत ”
विपरीत परिस्थितियॉं
कुछ देर के लिए
उथल-पुथल मचा देती है,
मगर जीत तो सदा
दृढ़ इच्छा-शक्ति रूपी
शान्त गहरे जल की होती है।
” जीत ”
विपरीत परिस्थितियॉं
कुछ देर के लिए
उथल-पुथल मचा देती है,
मगर जीत तो सदा
दृढ़ इच्छा-शक्ति रूपी
शान्त गहरे जल की होती है।