*जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)*
जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई (गीत)
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जीजी ने चिट्ठी के सॅंग में, राखी है भिजवाई
1)
लिखती हैं हम यहॉं कुशल से, अपनी बात बताओ
भेज रहे हैं मनीऑर्डर, ले मिठाइयॉं खाओ
भैयादूज दशहरे की भी, रोली है रखवाई
2)
बच्चों से कहना नित तुमको, बुआ याद करती हैं
किंतु दूर परदेस मिला है, धीरज यों धरती हैं
ठंडी हवा चली जब-जब भी, मैके की सुधि लाई
3)
जब राखी बॉंधो तो यादें, बचपन की दुहराना
चाहे जहॉं रहो तुम लेकिन, मुझे पास ही पाना
जीजा जी ने याद तुम्हें भी, बच्चों को लिखवाई
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451