Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
शेखर सिंह
19 Followers
Follow
Report this post
16 Apr 2024 · 1 min read
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
रूह से मोहब्बत नहीं करते.
🙂🙂
Tag:
Quote Writer
Like
Share
124 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
* हो जाता ओझल *
surenderpal vaidya
..
*प्रणय*
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
" माँ "
Dr. Kishan tandon kranti
लगा हो ज़हर जब होठों पर
Shashank Mishra
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
Annu Gurjar
बेटिया विदा हो जाती है खेल कूदकर उसी आंगन में और बहू आते ही
Ranjeet kumar patre
किताब
Sûrëkhâ
ईमानदार बनना
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
“लिखें तो लिखें क्या ?”–व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
Piyush Goel
"कर्म की भूमि पर जब मेहनत का हल चलता है ,
Neeraj kumar Soni
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
मानव जब जब जोड़ लगाता है पत्थर पानी जाता है ...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
अपने किरदार को किसी से कम आकना ठीक नहीं है .....
कवि दीपक बवेजा
औरत की अभिलाषा
Rachana
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
ज्ञान से शिक्षित, व्यवहार से अनपढ़
पूर्वार्थ
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
Rj Anand Prajapati
स्वरचित कविता..✍️
Shubham Pandey (S P)
मैं "परिन्दा" हूँ........., ठिकाना चाहिए...!
पंकज परिंदा
জয় শিব শঙ্কর (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
फ़ना से मिल गये वीरानियों से मिल गये हैं
Rituraj shivem verma
हिंदी दोहे- पंडित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम्हारा जिक्र
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
Ravi Prakash
..........?
शेखर सिंह
जब तक आप जीवित हैं, जीवित ही रहें, हमेशा खुश रहें
Sonam Puneet Dubey
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
Loading...