जिसने पहले दिल जलाया था,उसी से फिर दिल लगाया है -आर के रास्तोगी
जिसने पहले दिल जलाया था,उसी से फिर दिल लगाया है
जिसने कभी हाथ उठाया था,उसी से फिर हाथ मिलाया है
सत्ता की लोलुपता के कारण,माया ने हाथ बढाया है
ये गठबंधन नहीं ठगबंधन है, जनता को बहकाया है
पहले जो एक दूजे के दुश्मन थे,एक दूजे को काटा था
उन पर क्या विश्वास करोगे,जिन्होंने थूक कर चाटा था
गिरगिट की तरह रंग बदलते है,क्या आगे रंग नहीं बदलेगें ?
पहले भी धोखा देते रहे है,क्या आगे धोखा नहीं दे पायेंगे ?
माया बनी माया की लालची,माया के कारण ही वह मरती है
माया बनी उसकी मृग तृष्णा,इसलिए पाले बदलती रहती है
जिनका ध्येय अपना विकास है,जनता का क्या विकास कर पायेगे ?
जनता का तिरस्कार किया है,जनता से ही वे हमेशा मुहं की खायेंगे
आज बने है वे बुआ भतीजे,कल फिर दुबारा से दुश्मन बन जायेगें
जो जनता को धोखा देते है,वे कभी दुबारा सत्ता में नहीं आयेगें
क्यों किया है ऐसा उन्होंने,मोदी के डर से वे अब घबरा रहे
ये जनता का क्या मूर्ख बनायेगे,ये अपना मूर्ख खुद बना रहे
आर के रस्तोगी