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14 Jan 2024 · 1 min read

जय श्री राम !

!! श्रींं !!
जय सियाराम !
***
धधक जाये हृदय में राम के ही नेह की ज्वाला,
सदा पीता रहूँ बहका करूँ पी भक्ति का प्याला ,
बसे ज्यों आप हनुमत के हृदय मेरे भी बस जाना ,
सदा में फेरता मन में रहूँ प्रभु नाम की माला ।
***
राधे…राधे…!
***
– महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
🧚🏽‍♂️🦚🧚‍♂️

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