जिन पर किया भरोसा वो ही बदल गए हैं
ग़ज़ल
काफ़िया- अल
रदीफ़- गए हैं।
221 2122 221 2122
कुछ इश्क़ के दीवाने हमको भी’ छल गए हैं।
जिनपर किया भरोसा वो ही बदल गए हैं।
हालात हैं बुरे तुम जो छोड़कर चले हो
अरमान दिल के सारे मेरे मसल गए हैं।
मेरी खता हुई जो डाली नज़र सनम पर
जो बेबसी में दिल के अरमां मचल गए हैं।
वो रात ग़म कि काली थे अश्क़ आँख मेरे
तू ना पिघल सक़ा पर पत्थर पिघल गए हैं।
उल्फ़त के नाम पर जो धोखा दिया है’ उसने
है शुक्र उस ख़ुदा का गिरकर सँभल गए हैं।
हम शौक़ से मुहब्बत की राह पर चले थे
चुनकर कदम बढ़ाए फिर भी फिसल गए हैं।
ये बद्दुआ हमारी तू खुश न रह सकेगा
अब तो चिराग दिल में नफ़रत के’ जल गए हैं।
मैंने वफ़ा निभाई पर बेवफ़ा तुम्हीं थे
यादों के तेरे मंजर अब दिल से निकल गए हैं।
अभिनव मिश्र अदम्य