जिन्होंने मुझे जन्म दिया
जिन्होंने मुझे जन्म दिया
उन्हें मैं बचा भी न सकी
भगवान के घर उन्हें अकेले भेज
दिया
उनके साथ यह दुनिया छोड़कर जा भी
न सकी
जिनपर करते थे वह अपने जीते जी
भरोसा आंख बंद करके
उनकी आंख बंद होते ही
उनका यह भरोसा भी उन
लोगों ने तोड़ दिया
उनमें से कुछ ने तो जीते जी भी
उनका दिल तोड़ा था
अब जो मैं बची उनके
जिगर का एक इकलौता
आखिरी टुकड़ा
उस प्यार की उनकी निशानी को भी
उन प्यार का स्वांग रचने वालों ने
अभी भी प्यार का हवाला देते देते
प्यार करते करते
प्यार से ही
बड़े प्यार से मिटा दिया।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001