जिन्हें नशा था
जिन्हें नशा था गुलामी की , जंजीरों को तोड़ने का
वे मादरे वतन की अनमोल , धरोहर हो गए |
मर मिटे जो मादरे वतन की आजादी की खातिर
वे मादरे वतन की अनमोल , अमानत हो गए ||
चीर कर रख दिए , जिन्होंने दुश्मनों के सीने
वे मादरे वतन की अनमोल , मिसाल हो गये |
आँखों से आँखें मिला , जो दुश्मन को मिटाते चले गए
वे मादरे वतन की “अंजुम ” , निशानी हो गए ||