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15 Aug 2023 · 1 min read

जिन्हें नशा था

जिन्हें नशा था गुलामी की , जंजीरों को तोड़ने का
वे मादरे वतन की अनमोल , धरोहर हो गए |

मर मिटे जो मादरे वतन की आजादी की खातिर
वे मादरे वतन की अनमोल , अमानत हो गए ||

चीर कर रख दिए , जिन्होंने दुश्मनों के सीने
वे मादरे वतन की अनमोल , मिसाल हो गये |

आँखों से आँखें मिला , जो दुश्मन को मिटाते चले गए
वे मादरे वतन की “अंजुम ” , निशानी हो गए ||

Language: Hindi
1 Like · 227 Views
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Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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