Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

ईश्के इजहार

मैं तुमसे प्यार करता हू नहीं इन्कार करता मन इस सच्चाई से
क्यों सामने आता हैं केवल तुम्हारा ही अक्स
क्यों खोज लेती हैं आँखें हजारों की भीड़ मे भी तुम्हें।
क्यों मधुर लगती हैं केवल तुम्हारी ही आवाज ।
नींदों को क्यों उडा ले जाता है तुम्हारा अहसास।
बढते है क्यों कदम उसी पथ को जहाँ से होकर तुम गुजरते हो
बढते है हाथ क्यों बंधने को तुम्हारे आगोस मै।
क्यों समा जाना चाहता है मन
तुम्हारी हर श्वास मैं।

यह झूठ नहीं सच है मैं तुमसे प्यार करता हू।

सोनु सुगंध

Language: Hindi
40 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonu sugandh
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
समय के हाथ पर ...
समय के हाथ पर ...
sushil sarna
हरा-भरा बगीचा
हरा-भरा बगीचा
Shekhar Chandra Mitra
गोंडवाना गोटूल
गोंडवाना गोटूल
GOVIND UIKEY
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
manjula chauhan
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
महफिले सजाए हुए है
महफिले सजाए हुए है
Harminder Kaur
शुभ दीपावली
शुभ दीपावली
Harsh Malviya
दो रुपए की चीज के लेते हैं हम बीस
दो रुपए की चीज के लेते हैं हम बीस
महेश चन्द्र त्रिपाठी
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
◆केवल बुद्धिजीवियों के लिए:-
*Author प्रणय प्रभात*
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
जन्म दिन
जन्म दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज़िंदगी तेरा
ज़िंदगी तेरा
Dr fauzia Naseem shad
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
कभी बेवजह तुझे कभी बेवजह मुझे
Basant Bhagawan Roy
सात जन्मों की शपथ
सात जन्मों की शपथ
Bodhisatva kastooriya
कलमी आजादी
कलमी आजादी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
15- दोहे
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
💐 Prodigy Love-44💐
💐 Prodigy Love-44💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
उम्मीद
उम्मीद
Pratibha Pandey
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तेरे ख़ातिर धड़कती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नींद
नींद
Kanchan Khanna
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
फिजा में तैर रही है तुम्हारी ही खुशबू।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
gurudeenverma198
........?
........?
शेखर सिंह
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
है कौन झांक रहा खिड़की की ओट से
Amit Pathak
Yash Mehra
Yash Mehra
Yash mehra
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/171.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
"झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...