“जिनकी कलम से”
“जिनकी कलम से”
जिनकी कलम से शब्द नहीं फूटते,
वो साहित्यकार हो नहीं सकते।
जो केवल सपने देखते हैं, लेकिन
उसे शब्द-सूत्र में बांध नहीं सकते,
वो साहित्यकार हो नहीं सकते।
“जिनकी कलम से”
जिनकी कलम से शब्द नहीं फूटते,
वो साहित्यकार हो नहीं सकते।
जो केवल सपने देखते हैं, लेकिन
उसे शब्द-सूत्र में बांध नहीं सकते,
वो साहित्यकार हो नहीं सकते।