जिद और जुनून
मैं स्वयं अब तक 3600 काव्य रचनाएँ, 256 कहानियाँ, 900 से अधिक लघुकथाएँ, 2 उपन्यास और 1 यात्रा संस्मरण लिख चुका हूँ। अब तक मेरी 54 पुस्तकें और 16 साझा संकलन की पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आधा दर्जन पुस्तकें प्रकाशन की कतार में हैं। बावजूद ये उपलब्धियाँ साधारण लगती है।
मेरा मानना है कि जिद और जुनून अलौकिक प्रतिभा से दो कदम आगे निकलने की ताकत रखता है। वे हर तरह की दौड़ जीत सकता है। ये जिद और जुनून का ही परिणाम है कि मैं आज भी नियमित रूप से 14-15 घण्टे मेहनत कर लेता हूँ। मेरा स्पष्ट मत है कि यदि आप दस बार गिरते हैं तो ग्यारहवीं बार उठें। अर्थात जितनी बार गिरते हैं, हर बार उठिए।
शायद आप यकीन नहीं कर सकेंगे कि आप कहाँ से चलकर कहाँ पहुँच चुके हैं। याद रखिएगा कोई पागल ही एक नया इतिहास रचता है।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति