जितना हल्का होता है
जो जितना हल्का होता है उतना ही ऊंचा उड़ता है
भारी होता जो जमीन से वह उतना ही जुड़ता है
नदी किनारे के पेड़ों को अक्सर बह जाते देखा है
बच जाता है वही जो धाराओं के रुख में मुड़ता है
पोशाकों के कपड़ों की भी एक खासियत होती है
जितना सस्ता होता है उतना ही अधिक सिकुड़ता है
हरे भरे पत्तों से ही तो पेड़ की शोभा बढ़ जाती है
सूख ही जाता है वह पत्ता जो पेड़ों से बिछुड़ता है
सोच समझकर तय करते हैं खूब आदमी रिश्तों को
तालमेल से रहित रहे तो वो रिश्ता ही बिगड़ता है