जिंदगी से मुलाक़ात
अभी कल ही..
गली के मोड़ पर..
अचानक मिली जिंदगी..
थोड़ी मुस्कान का आदान प्रदान..
हाय हैल्लो..
पुरानी परिचित सी..
लगी जिंदगी..
बोली मैं यही..
बगल वाले पार्क में..
जो बड़ा पेड़ है..
वही रहती हूं..
छुट्टी वाले दिन..
कभी आ जाया करो..
वहाँ रोज सुबह..
लगता है जमघट..
एक सुर में..
चहचहाती है..
जिंदगी..