Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2024 · 1 min read

खुद से भी सवाल कीजिए

खुद से भी सवाल कीजिए

जरा – जरा सी बात पर न बवाल कीजिए,
कभी तो आप खुद से भी सवाल कीजिए।

अरे! वो इश्क पे जाँ निसार करने वालो,
माँ बाप के इज्ज़त का भी ख्याल कीजिए।

बाद में तुम ही बेरोजगारी का रोना रोओगे,
वक्त की बर्बादी पर कुछ तो मलाल कीजिए।

संघर्ष के रास्ते ही सफलता मिलती है सच,
अपने हाथ ही भविष्य न हलाल कीजिए।

नहीं होगा कभी कोई चमत्कार बात मान,
मेहनत से जीवन अपना खुशहाल कीजिए।

पछताना न पड़े कल अपनी किये पर आपको,
यार आज समय का उचित इस्तेमाल कीजिए।

ख्याली जग से हकीकत की दुनिया में आइए,
कुछ न होगा हासिल,जीना न मुहाल कीजिए।

Language: Hindi
1 Like · 58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मौत आग का दरिया*
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
Let yourself loose,
Let yourself loose,
Dhriti Mishra
मेघ
मेघ
Rakesh Rastogi
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
बेपर्दा लोगों में भी पर्दा होता है बिल्कुल वैसे ही, जैसे हया
Sanjay ' शून्य'
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
"शहीद साथी"
Lohit Tamta
#drArunKumarshastri
#drArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
उसने मुझे बिहारी ऐसे कहा,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कवियों से
कवियों से
Shekhar Chandra Mitra
सुबह की पहल तुमसे ही
सुबह की पहल तुमसे ही
Rachana Jha
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं।
स्वप्न लोक के वासी भी जगते- सोते हैं।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
पतझड़
पतझड़
ओसमणी साहू 'ओश'
आज की शाम।
आज की शाम।
Dr. Jitendra Kumar
3011.*पूर्णिका*
3011.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जब भी
जब भी
Dr fauzia Naseem shad
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
Ajay Kumar Vimal
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
कुछ हासिल करने तक जोश रहता है,
Deepesh सहल
*आवारा कुत्तों से बचना, समझो टेढ़ी खीर (गीत)*
*आवारा कुत्तों से बचना, समझो टेढ़ी खीर (गीत)*
Ravi Prakash
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एक गुजारिश तुझसे है
एक गुजारिश तुझसे है
Buddha Prakash
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
.....*खुदसे जंग लढने लगा हूं*......
Naushaba Suriya
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
फाल्गुन वियोगिनी व्यथा
Er.Navaneet R Shandily
"तोल के बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं" एहसास ऐ!
Harminder Kaur
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
Dear me
Dear me
पूर्वार्थ
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
मुश्किल राहों पर भी, सफर को आसान बनाते हैं।
Neelam Sharma
Loading...