Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

जिंदगी रूठ गयी

जिंदगी रूठ गई जाने
कहाँ खो गई एक दायरे में
सिमट गई खोजता हूँ घनघोर आंधेरो में रास्ता जिंदगी की चाहतों का
वास्ता।।

जिंदगी के सब दरवाजे बंद
बंद दरवाजो दस्तक दे रहा हूँ
खत्म ना हो जाये अरमान आरजू
की ज़िंदगी सिर्फ रह जाए
जीने का नाम।।

हिम्मत जोश ताकत से
जिंदगी को चाहो की राहों
के बंद दरवाजे पर दस्तक
दे रहा हूँ।।

बंद दरवाजे की दस्तक
का शोर बहुत आवाज नही
सारी कोशिशें करता थक
हार जाता उदास निराश।।

दिल से आती आवाज
क्यो होता परेशान होगा
कोई इंसान तेरे लिये फरिश्ते
सामान।।

तेरी जिंदगी के मुकाम
मंजिल का हमसफ़र
दोस्त जिंदगी की राहों के
बंद दरवाजों पर तेरी दस्तक
को करेगा कामयाब।।

सुन जिंदगी के मुसाफिर
खुद के दिल के बंद दरवाजों
दस्तक दे तेरे ही दिल से गुजरती
तेरे जिंदगी की कस्ती।।

दिल के बंद दरवाजों पर
दी दस्तक खुल गए सच्चाई
ईमान इंसान के द्वार खुद के
दिल मे ही खुदा का हो गया
दीदार।।
जिंदगी की राहों का खत्म
हो गया अंधकार चाँदनी सी
धवल नव कोमल कली सी
जन्नत की परी सामने मंजिल
सी खड़ी।।
बंद दरवाजों पर मेरी दस्तक की
आवाज गायब मीठी सी आवाज
लबो पे मधुर मुस्कान जिंदगी की
मंजिल राह की शान ।।
खत्म हो गयी मायूसी
निराशा आशा विश्वाश की
जागी खूबसूरत जज्बे की
चिंगारी ज्वाला।।
खुल गए जिंदगी के सभी
रास्ते टूटे सारे अवरोध बेफिक्र
चल पड़ा जिंदगी की राहों में
अकेला कारंवा बनता गया
जिंदगी अरमंनो की तमाम मंजिले
जमी आसमान मुठ्ठी में बंद।।

Language: Hindi
141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
3017.*पूर्णिका*
3017.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
Dr Archana Gupta
मैं एक पल हूँ
मैं एक पल हूँ
Swami Ganganiya
क्षणिकाए - व्यंग्य
क्षणिकाए - व्यंग्य
Sandeep Pande
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
बस जला दिया जाता है मोहब्बत में दिल को भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक– आपके लिए क्या अच्छा है यह आप तय करो
शीर्षक– आपके लिए क्या अच्छा है यह आप तय करो
Sonam Puneet Dubey
शहर - दीपक नीलपदम्
शहर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
.......अधूरी........
.......अधूरी........
Naushaba Suriya
लड़कों को एक उम्र के बाद
लड़कों को एक उम्र के बाद
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
सत्य कुमार प्रेमी
.
.
*प्रणय*
जिंदगी की किताब
जिंदगी की किताब
Surinder blackpen
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
*गोरे से काले हुए, रोगों का अहसान (दोहे)*
Ravi Prakash
राष्ट्रीय भाषा हिंदी
राष्ट्रीय भाषा हिंदी
Santosh kumar Miri
रामायण  के  राम  का , पूर्ण हुआ बनवास ।
रामायण के राम का , पूर्ण हुआ बनवास ।
sushil sarna
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
कवि रमेशराज
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
यह अपना रिश्ता कभी होगा नहीं
gurudeenverma198
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
अर्चना मुकेश मेहता
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
तेरे चेहरे की मुस्कान है मेरी पहचान,
Kanchan Alok Malu
"जीत का सेहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
किताब के किसी पन्ने में गर दर्दनाक कोई कहानी हो
Ajit Kumar "Karn"
बात मेरे मन की
बात मेरे मन की
Sûrëkhâ
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
जिस रिश्ते में
जिस रिश्ते में
Chitra Bisht
Loading...