*जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)*
जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है (मुक्तक)
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जिंदगी तब तक सही है, देह में उत्साह है
कर गुजरने की नया कुछ, अंदरुनी चाह है
जल सदृश तालाब के, रुकना नहीं जीवन कहो
मूल्य तब तक देह का, जब तक कि श्वास प्रवाह है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451