*अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】*
अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो 【मुक्तक】
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अंतिम समय बीते कहाँ, जाने कहाँ क्या ठौर हो
अपनी गली-परिवार-घर हो, या नगर कुछ और हो
किसको पता क्या भाग्य में, लिखकर विधाता ने दिया
क्या-क्या उतार-चढ़ाव हो, क्या-क्या बदलता दौर हो
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451