Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

जिंदगी और रेलगाड़ी

जिंदगी समय काल
संग नित्य निरंतर
चलती सुख दुख की
अनुभूति।।
जिंदगी रेलगाड़ी
रिश्तो के डिब्बो का
साथ रिश्तो के डिब्बों में
भावनाओ का सवार ।।
अपनी रफ्तार से मंजिल
की तरफ बढ़ती कभी
खुशियों का प्लेटफार्म
उमंग उत्साह के स्टेशन
पर करती विश्राम।।
पल दो पल विश्राम
उपरांत नए स्टेशन की
रफ्तार ।।
कभी दुःख पीड़ा के प्लेटफॉर्म
पर ठहरती शांत लेकिन ठहरती
नही वहाँ फिर चल पड़ती।।
दौड़ती जिंदगी की राह
पर जोखिम बहुत घटना
दुर्घटना की आशंका से
नही इनकार।।
जिंदगी रेलगाड़ी की तरह
अपना सफर पूरा कर पहुँच
जाती यार्ड जहाँ से गंदगी
होती साफ जैसे कर्मानुसार
जिंदगी का इंजन और डिब्बो
का रिश्ता सफर।।

Language: Hindi
48 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
जिंदगी बिलकुल चिड़िया घर जैसी हो गई है।
शेखर सिंह
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
प्यार का पंचनामा
प्यार का पंचनामा
Dr Parveen Thakur
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गीतांश....
गीतांश....
Yogini kajol Pathak
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
युवा हृदय सम्राट : स्वामी विवेकानंद
युवा हृदय सम्राट : स्वामी विवेकानंद
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तसव्वुर
तसव्वुर
Shyam Sundar Subramanian
पैसा बोलता है
पैसा बोलता है
Mukesh Kumar Sonkar
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
मेरी समझ में आज तक
मेरी समझ में आज तक
*प्रणय प्रभात*
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
“दुमका संस्मरण 3” ट्रांसपोर्ट सेवा (1965)
DrLakshman Jha Parimal
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
रंगों के रंगमंच पर हमें अपना बनाना हैं।
Neeraj Agarwal
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
हमारी नई दुनिया
हमारी नई दुनिया
Bindesh kumar jha
2958.*पूर्णिका*
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता मेंरे प्राण
पिता मेंरे प्राण
Arti Bhadauria
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
एक ही धरोहर के रूप - संविधान
Desert fellow Rakesh
गर तुम हो
गर तुम हो
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
मैं तो महज नीर हूँ
मैं तो महज नीर हूँ
VINOD CHAUHAN
कुछ लिखूँ.....!!!
कुछ लिखूँ.....!!!
Kanchan Khanna
कृष्ण की राधा बावरी
कृष्ण की राधा बावरी
Mangilal 713
"सबसे बढ़कर"
Dr. Kishan tandon kranti
मां
मां
Sûrëkhâ
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
तुम्हारी याद है और उम्र भर की शाम बाकी है,
Ankur Rawat
जीवन का लक्ष्य महान
जीवन का लक्ष्य महान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...