जिंदगी और मैं
#जिंदगी_और_मैं
एक व्यवस्था है
इशारे उसके
चालें मेरी
रंग उसके बदरंग नहीं,
चाहत मेरी अपनी कुछ नहीं,
दिये जो उसने,
दिल से लगाया और गुनगुना दिये
यही सौगात उसकी,
हमने भी वही फरमा दिया.
अब न मुझ पर बोझ है
न वो बोझिल हुई ??
#पहल
#जिंदगी_और_मैं
एक व्यवस्था है
इशारे उसके
चालें मेरी
रंग उसके बदरंग नहीं,
चाहत मेरी अपनी कुछ नहीं,
दिये जो उसने,
दिल से लगाया और गुनगुना दिये
यही सौगात उसकी,
हमने भी वही फरमा दिया.
अब न मुझ पर बोझ है
न वो बोझिल हुई ??
#पहल