जिंदगी इम्तिहानों का सफर
शीर्षक – जिंदगी”इम्तिहानों का सफर”
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एक सच जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” होता हैं।
हम मन और विचारों में सामाजिक रहते हैं।
हर मोड़ पर जीवन में इम्तिहान होते हैं।
कभी जिंदगी और मौत का इम्तिहान होता हैं।
बस समय ही जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” होता हैं।
आज आधुनिक हम फिर भी इम्तिहान हम देते हैं।
कुदरत और ईश्वर हम सभी जानते मानते हैं।
बस स्वार्थ और फरेब के साथ इम्तिहान सोचते हैं।
सच दोस्तों जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” नाम होती हैं।
सच बचकर जिंदा कोई न जाएगा इम्तिहानों का सफर हैं।
जश्न हम करें जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” होता हैं।
हम सब साथ जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” होता हैं।
एक सच और सही बस जिंदगी “इम्तिहानों का सफर” हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र