जाॅं भी तुम्हारी
ये जाँ भी तुम्हारी ये दिल भी तुम्हारा !
नज़र ने किया है नज़र को इशारा!!
लगा रात दिन जो इसी की लगन में !
क़लम ने उसे ही जहाँ में निखारा !!
बड़ी ही निराली इनायत खुदा की !
हमें है मिला खूबसूरत नज़ारा !!
समय का चलन तो बड़ा ही गज़ब है !
सभी से ये’ जीता किसी से न हारा !!
हमेशा करे जो नुमाया हकीकत !
उसी आइने में है’ खुद को सँवारा !!
मुसाफ़िर करे ये गुज़ारिश सभी से !
वतन में रखो तुम सदा भाईचारा !!
धर्मेंद्र अरोड़ा “मुसाफ़िर”
संपर्क सूत्र:9034376051