जाति उन्मूलन के सपना
तू याद करअ
कि का कहले
नानक,कबीर
या बुद्ध हो…
(१)
केहू नईखे
बाभन इहां
केहू नईखे
इहां शूद हो…
(२)
सबमें बहेला
ख़ून उहे
सबमें बहेला
उहे दूध हो…
(३)
तहरो अंदर
कुछ गंदा
हमरो भीतर
कुछ शुद्ध हो…
(४)
जात-पात से
मिल-जुलके
छेड़अ एगो
अब युद्ध हो…
(५)
अपना देश के
हालत से
कबले रहबअ
आंख मूंद हो…
(६)
चाल समय के
औरी अब
मत करअ
अवरूद्ध हो…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#KabeerReturns
#AmbedkarMovement