Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Deep Dhamija
11 Followers
Follow
Report this post
21 Apr 2020 · 1 min read
ज़िन्दगी
आराम से कट रही थी तो अच्छी थी…
जिंदगी तू कहाँ इन आँखों की बातों में आ गयी…
Language:
Hindi
Tag:
ग़ज़ल/गीतिका
Like
Share
328 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
" दरअसल "
Dr. Kishan tandon kranti
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
कितना प्यार
Swami Ganganiya
মা মনসার গান
Arghyadeep Chakraborty
तुझे खो कर तुझे खोजते रहना
अर्चना मुकेश मेहता
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
*बचकर रहिएगा सॉंपों से, यह आस्तीन में रहते हैं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
*वो मेरी जान, मुझे बहुत याद आती है(जेल से)*
Dushyant Kumar
#धर्मपर्व-
*प्रणय*
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
Dhirendra Singh
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
बाण मां रा दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
चांदनी रात में बरसाने का नजारा हो,
Anamika Tiwari 'annpurna '
दोस्त
Neeraj Agarwal
क्या हुआ की हम हार गए ।
Ashwini sharma
ENDLESS THEME
Satees Gond
4389.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जो दुआएं
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
"हमारे दर्द का मरहम अगर बनकर खड़ा होगा
आर.एस. 'प्रीतम'
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
इजोत
श्रीहर्ष आचार्य
क्यों सिसकियों में आवाज को
Sunil Maheshwari
Khwahish jo bhi ho ak din
Rathwa Dipak Dipak
Loading...