ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर चलते है।
फिर से किसी के हम सफर बनते है।।1।।
इश्क तो करेंगे पर दिल ना अब देंगें।
इस बार मुहब्बत से बेखबर रहते है।।2।।
कोशिश करेंगे कोई ये दिल ना तोड़े।
इस बार खुदपर हम नज़र रखते है।।3।।
कहीं पे कुछ तो आबाद होगा हमसे।
खाली पड़ी बस्ती के बशर बनते है।।4।।
गम मिले या खुशी रुकना नही कहीं।
किसी बहते दरिया की लहर बनते है।।5।।
पानी की बूंद है अभी सूखे तो नहीं है।
किसी नदी से मिलके अविरल बहते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ