ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
बटोर-बटोर कर ख़ुशियाँ लाते रहेंगे हम।
घरौंदे में रहेंगे खुश, मुस्कुराते रहेंगे सदा,
फूल सी कली के साथ कदम बढ़ाते रहेंगे हम।
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार