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28 Apr 2024 · 1 min read

ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,

ज़िन्दगी की बोझ यूँ ही उठाते रहेंगे हम,
बटोर-बटोर कर ख़ुशियाँ लाते रहेंगे हम।
घरौंदे में रहेंगे खुश, मुस्कुराते रहेंगे सदा,
फूल सी कली के साथ कदम बढ़ाते रहेंगे हम।

मेरी कलम से…
आनन्द कुमार

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