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13 Jun 2023 · 1 min read

ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।

गज़ल

2122/2122/2122/212/
ज़िंदगी उससे है मेरी, वो मेरा दिलबर रहे।
हो कहीं दुनियां में लेकिन, वो मेरा होकर रहे।1

बंदगी में जिसकी रहता हूॅं सुबह से शाम तक,
वो ख़ुदा मेरे लिए है, चाहे वो पत्थर रहे।2

आबे ज़म ज़म है वही, जो भी पिला दे प्यार से,
जह्र भी पी लूंगा जैसे, शर्बत ए शक्कर रहे।3

रात दिन आठो पहर, रहता है मेरे ज़ह्न में,
मैं उसे ही सोचता हूं, घर हो या दफ्तर रहे।4

सात जन्मों का हो बंधन, प्रेमी उसके साथ ही,
प्यार की राहों में बस, वो ही मेरा रहबर रहे।5

………..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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