ज़रूरी ना समझा
तुम शायद समझे नही या तुमने समझना ही जरूरी न समझा,
ये दिल कितना पागल है तुम्हारे पीछे, तुमने जानना ही जरूरी न समझा।
ये आँखें कितनी रोई है तुम्हारे लिए, तुमने देखना ही जरूरी न समझा,
ये आँसू कितने बहे तुम्हारी याद में तुमने थामना ही जरूरी न समझा।
ये साँसें जो जीने का जरिया है मेरे लिए, तुमने उसे मुझे देना ही जरूरी न समझा,
मेरे अल्फ़ाज़ कितनी बातें करते है तुम्हारी, तुमने सुनना ही जरूरी न समझा।
तुम्हारी बाहें जो सुकून देती मुझे, तुमने करीब रहना ही जरूरी न समझा,
और ये जिंदगी जो अधूरी है तुम्हारे बिना, पर तुमने साथ रहना ही जरूरी न समझा।