जल संरक्षण
‘जल संरक्षण’
अगर बचाना जीवन है तो सदा रखो ये याद,
जल संरक्षण अपना कल है करो न जल बर्बाद।
सूखे खेत नहीं लहराते जल इनका आधार,
बढ़ती जनसंख्या ने खोया संचित नीर अपार।
नहीं अन्न का दाना होगा रखना मानव ध्यान,
बूँद-बूँद जल संरक्षण से बने न रेगिस्तान।
एक बार जल घट जाने पर सुख का होगा अंत,
जीवन में पतझड़ छाने पर होगा नहीं वसंत।
पंच महाभूतों में जल का कितना पावन स्थान,
अगर न होता जल इस भू पर कैसे बचते प्राण?
जगह-जगह पर ताल-तलैया मिटा सकेंगे त्राण,
सब मिलकर जल स्रोत बचाओ इसमें है कल्याण।
डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)