Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2024 · 1 min read

जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।

जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
परख अपने पराए की ,समय पर होती है ।।

अच्छे वक्त में देखा है भीड़ को आसपास ।
पीड़ाएं अकेले में, दुःख के समय पर होती है ।।
कवि राजेश व्यास “अनुनय”

1 Like · 85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
मनमर्जियों से घर नहीं चलता साहब!!
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
उल्फ़त .में अज़ब बात हुआ करती है ।
sushil sarna
Oppressed life
Oppressed life
Shyam Sundar Subramanian
* जब लक्ष्य पर *
* जब लक्ष्य पर *
surenderpal vaidya
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
Suryakant Dwivedi
माँ सच्ची संवेदना...
माँ सच्ची संवेदना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पूर्ण शरद का चंद्रमा,  देख रहे सब लोग
पूर्ण शरद का चंद्रमा, देख रहे सब लोग
Dr Archana Gupta
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
4790.*पूर्णिका*
4790.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
shabina. Naaz
,,........,,
,,........,,
शेखर सिंह
सपनें अधूरे हों तो
सपनें अधूरे हों तो
Sonam Puneet Dubey
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
यह गलतफहमी कभी नहीं पालता कि,
Jogendar singh
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
रससिद्धान्त मूलतः अर्थसिद्धान्त पर आधारित
कवि रमेशराज
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
"इच्छाओं की उड़ान"
Dr. Kishan tandon kranti
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
Ashwini sharma
"काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र
ओसमणी साहू 'ओश'
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
हंस रहा हूं मैं तेरी नजरों को देखकर
भरत कुमार सोलंकी
जहरीले और चाटुकार  ख़बर नवीस
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
Atul "Krishn"
Loading...