जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
परख अपने पराए की ,समय पर होती है ।।
अच्छे वक्त में देखा है भीड़ को आसपास ।
पीड़ाएं अकेले में, दुःख के समय पर होती है ।।
कवि राजेश व्यास “अनुनय”
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
परख अपने पराए की ,समय पर होती है ।।
अच्छे वक्त में देखा है भीड़ को आसपास ।
पीड़ाएं अकेले में, दुःख के समय पर होती है ।।
कवि राजेश व्यास “अनुनय”