जरा याद करो इतिहास को
एक कविता
जरा याद करो इतिहास को
नज़र उठाने से पहले ।
कितनी जंगे हार गये
हथियार उठाने से पहले ।।
गैरों के बलवूतों पर अब
आँख दिखाना बंद करो ।
मानवता को तुम आतंकी
जहर पिलाना बंद करो ।।
याद रखो यह अमर वीर
शिवाजी की पावन भूमि है ।
जिनकी तलवारो ने हरदम
शत्रु की गर्दन चूमी है ।।
अगर कहीं हम समर भूमि में
चंड – चंड हो जायेंगे ।
दुश्मन की सेना के सैनिक
खंड – खंड हो जायेंगे ।।
न छोड़ा आतंकी दामन
तो कसूरवार तुम होगे।
न होगा अस्तित्व तुम्हारा
गुनहगार भी तुम होंगे
न जागी है हल्दीघाटी
यह सौभाग्य तुम्हारा है ।
इसीलिये तो अभी तक
इस्लामाबाद तुम्हारा है ।।
अगर हिन्द की सेना गरजी
तो फिर खैर नहीं होगी ।
न रहेगा लाहौर – कराची,
घाटी गैर नहीं होगी ।।
संदीप शर्मा ‘कुमार’