जय जय जय बजरंगबली
अंजनी सुत पवन पुत्र ने
वनवासी मित्रों को संग ले
कदम कदम पर राम राम भज
ढूंढ लिया लंकेश छली ।
जय जय जय बजरंगबली ।
थे संगठित वानर, भालू
रहे सभी पर राम कृपालू
विभीषण का मिला सहारा
ढूढ़ निकाली जनक लली ।
जय जय जय बजरंगबली ।
रावण का मद मर्दन करने
कर दी राख स्वर्ण की लंका
राम दूत और राम शक्ति की
फैली चर्चा गली गली ।
जय जय जय बजरंगबली।
विजयी राम तुम्हारे कारण
ह्रदय तुम्हारा राम परायण
राम भक्ति से अमर हुए तुम
तन मन रंग सिंदूर मली ।
जय जय जय बजरंगबली ।
हैप्पी ब’ड्डे आज तुम्हारा
राम मय ये जीवन करदो
जहां राम का जन्म हुआ था
भव्य बने वह जन्म स्थली ।
जय जय जय बजरंगबली ।