जय अम्बे
जय अम्बे
जय माँ अम्बे तू शेरा वाली जय जग जननी पहाड़ा वाली ।।
पंच महाभूत काल नित्य निरंतर तू पल पल परिवर्तन तू सृष्टि कि दृष्टि तू मंगलकारी शरणागत भक्त वत्सल अमंगलकारी जै जै माँ जोता वाली ।।
शुम्भ निशुंभ संघारी रक्त बीज का बीज विनासक महिसासुर हन्ता जै जै माँ खप्पर वाली ।।
जै जै माँ तेरे रूप अनेकों पाताल भैरवी दुर्गा काली पीताम्बरा बगला मुखी दक्षिण काली ज्वाला देवी विध्यवासिनी।।
जै जै माँ वैष्णो देवी चतुर्भुज धारी अष्टभुजा तू कामाख्या तू नैना देवी त्रिपुर सुंदरी माँ शारदे वर दे माँ मैहर वाली ।।
देवो की आराधि सरस्वती लक्ष्मी सती पार्वती माता जग कल्याणी।।
जै मां अम्बे तू शेरा वाली जय जग जननी तू पहाड़ा वाली।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।