Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2017 · 1 min read

जब से छोड़ा है तूने साथ

जब से छोड़ा है तूने साथ हमने संभलना सीख लिया है,
मौसम के जैसा अब हमने भी बदलना सीख लिया है,
जिसको देखकर तुम ओझल करते थे हमे अक्सर,
हमने भी अब उसके लिए मचलना सीख लिया है,
बस सीख न सके तुमसे नफरत करना आज तक,
तभी हमने दूसरी राह से निकलना सीख लिया है,

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 652 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from RASHMI SHUKLA
View all
You may also like:
2579.पूर्णिका
2579.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
नई तरह का कारोबार है ये
नई तरह का कारोबार है ये
shabina. Naaz
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मोदी जी
मोदी जी
Shivkumar Bilagrami
वो लड़का
वो लड़का
bhandari lokesh
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐प्रेम कौतुक-352💐
💐प्रेम कौतुक-352💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
चाय की चुस्की संग
चाय की चुस्की संग
Surinder blackpen
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
■ नेक सलाह। स्वधर्मियों के लिए। बाक़ी अपने मालिक को याद करें।
*Author प्रणय प्रभात*
प्रश्न  शूल आहत करें,
प्रश्न शूल आहत करें,
sushil sarna
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
या रब
या रब
Shekhar Chandra Mitra
"तू है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Maine Dekha Hai Apne Bachpan Ko!
Srishty Bansal
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
नज़ाकत को शराफ़त से हरा दो तो तुम्हें जानें
आर.एस. 'प्रीतम'
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
ख़ामोशी
ख़ामोशी
कवि अनिल कुमार पँचोली
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
सोशल मीडिया पर हिसाबी और असंवेदनशील लोग
Dr MusafiR BaithA
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
मुश्किलों में उम्मीद यूँ मुस्कराती है
VINOD CHAUHAN
Loading...