प्रार्थना (मधुमालती छन्द)
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
💐प्रेम कौतुक-446💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Dont loose your hope without doing nothing.
बोलते हैं जैसे सारी सृष्टि भगवान चलाते हैं ना वैसे एक पूरा प
मनभाते क्या घाट हैं, सुंदरतम ब्रजघाट (कुंडलिया)
अब तो उठ जाओ, जगाने वाले आए हैं।
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है,
रमेशराज की पत्नी विषयक मुक्तछंद कविताएँ