Loneliness in holi
जब रंग नहीं थें
मैं तुम्हारे पास नहीं थी
तब भी तुम मुझे प्रेम के रंग में रंग देते थे
आज रंगों की थाल सजी है
और मैं भी हूं
पर आज मैं तुम्हारे रंग में रंगना चाहती हुं।।
जब रंग नहीं थें
मैं तुम्हारे पास नहीं थी
तब भी तुम मुझे प्रेम के रंग में रंग देते थे
आज रंगों की थाल सजी है
और मैं भी हूं
पर आज मैं तुम्हारे रंग में रंगना चाहती हुं।।