Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

जब देखा था तुम्हें

जब देखा था तुम्हें
सोचा था तुम्हारे बारे में
चाहा था तुम्हें
पर कहा नहीं तुमसे
अब सोचता हूं
गर कहा होता तो
क्या तुम साथ होती
उस वक्त शायद तुम्हें खोने का डर था
जिस वजह मैं चुप रह गया
पर मिली तो तुम अब भी नहीं और
शायद अब उम्मीद भी नहीं
पर इज़हार करने में आज भी
वो डर मेरे साथ है जो था उस वक्त भी
जब देखा था तुम्हें।।

Language: Hindi
46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
कर्म से विश्वाश जन्म लेता है,
Sanjay ' शून्य'
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
परिवार के लिए
परिवार के लिए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुछ उत्तम विचार.............
कुछ उत्तम विचार.............
विमला महरिया मौज
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये नयी सभ्यता हमारी है
ये नयी सभ्यता हमारी है
Shweta Soni
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*वर्ष दो हजार इक्कीस (छोटी कहानी))*
*वर्ष दो हजार इक्कीस (छोटी कहानी))*
Ravi Prakash
ममत्व की माँ
ममत्व की माँ
Raju Gajbhiye
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
कवि रमेशराज
*कुमुद की अमृत ध्वनि- सावन के झूलें*
*कुमुद की अमृत ध्वनि- सावन के झूलें*
रेखा कापसे
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
गीत..
गीत..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
"ऐ इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
स्त्री
स्त्री
Dinesh Kumar Gangwar
जीनते भी होती है
जीनते भी होती है
SHAMA PARVEEN
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
जो ले जाये उस पार दिल में ऐसी तमन्ना न रख
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कलरव में कोलाहल क्यों है?
कलरव में कोलाहल क्यों है?
Suryakant Dwivedi
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
अंदर का चोर
अंदर का चोर
Shyam Sundar Subramanian
क़त्आ
क़त्आ
*Author प्रणय प्रभात*
दुनियाँ की भीड़ में।
दुनियाँ की भीड़ में।
Taj Mohammad
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
Dr Arun Kumar shastri  एक अबोध बालक 🩷😰
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक 🩷😰
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
ग़ज़ल-दर्द पुराने निकले
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Loading...