जब तू मिलती है
चैन मिलता है दिल को, जब तू मिलती है।
सामने मेरे दिल के, जब तू रहती है।।
रहता है खुश यह दिल, सिर्फ तेरे साथ में।
इस दिल से बातें, जब तू करती है।।
चैन मिलता है दिल को ———————-।।
नहीं लगता है दिल, कहीं तेरे बिना।
महफ़िल में हूँ तन्हा मैं , तेरे बिना।।
क्या मतलब मुझको, इन चेहरों से।
आँखों में सूरत तो, तेरी रहती है।।
चैन मिलता है दिल को———————-।।
हर किसी की नजरें, लगी है तुझ पर।
हर दीवाना यहाँ है, कुर्बान तुझ पर।।
नहीं छीन ले कोई, मुझसे तुझको।
यह दुनिया तारीफ, तेरी करती है।।
चैन मिलता है दिल को———————।।
नहीं बहकना तुम, बहारें देखकर।
नहीं जाना मेरा हाथ, कभी छोड़कर।।
अपना आँचल तुम, नहीं उड़ाओ ऐसे।
ऐसा करने से, दुनिया बहुत हंसती है।।
चैन मिलता है दिल को———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)