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8 Aug 2021 · 1 min read

जब जब मीरा होती हूँ

क्या बोलूं वो कैसे लगते हैं
मुझको तो रब जैसे लगते हैं

देखूं जब मासूम निगाहें मैं उनकी
भोले भाले बचपन जैसे लगते हैं

चलूँ झूमती प्रेम की मस्त फुहारों में
रिमझिम रिमझिम सावन जैसे लगते हैं

देख के उनको जब जब मीरा होती हूँ
मुझको सचमुच मोहन जैसे लगते हैं।

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 481 Views

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