जब आया बरसात का मौसम….
जब आया बरसात का मौसम…
जब आया बरसात का मौसम
घिर आया जज्ब़ात का मौसम
उँगली अधर पर धरता आया
मन से मन की बात का मौसम
खड़ा द्वार ज्यों दे रहा दस्तक
प्रेम- सनी सौगात का मौसम
लिए चाँदनी छिप गया चंदा
घुप अँधियारा रात का मौसम
याद आ फिर-फिर मुझे सताए
हुई उनसे हर बात का मौसम
छाप रिदय पर अमिट छोड़ गया
इक हसीं मुलाकात का मौसम
वो छुवन मृदुल मधुर आलिंगन
भूलूँ न जुमेरात का मौसम
मीठी अगन में झुलसे विरहन
रूठा सुकूं-हयात का मौसम
मुरझी आस बरसे दो नैना
यादों की बारात का मौसम
बरसे कहीं पर यहाँ न आए
भीख-दया-खैरात का मौसम
नाजुक मन पर सहे तो कैसे
पाहन सम आघात का मौसम
-सीमा अग्रवाल
जिगर कॉलोनी
मुरादाबाद (उ.प्र.)
(स्वरचित मौलिक रचना)