जबसे मुझे तुमसे प्यार हो गया
जबसे मुझे तुमसे प्यार हो गया,
रह-ए-दुनिया पे चलना दुस्वार हो गया,
यूँ तो बहुत से है काम मगर,
इश्क़ करना मेरा कारोबार हो गया,
बहुत है क़र्ज़ मुझपर सनम,
जबसे तेरा मुझपर उधार हो गया,
हो न हो ये क़सूर है तुम्हारा,
इश्क़ जो मुझपे सवार हो गया,
देख लेना कहीं मर न जाऊँ,
तेरे इश्क़ का मुझको बुखार हो गया,
आजाद परिंदा मैं , खुली परवाज थी मेरी,
तेरे हुस्न का अब मैं शिकार हो गया,
कैसे हासिल हो साहिल मेरी कश्ती को,
तेरी जुल्फों का पानी ही मजधार हो गया,
साहिब तू है ! तो काम हो जायेगा,
तेरे वादे का मुझे ऐतबार हो गया,